Remdesivir Injection Black Marketing: जेके अस्पताल की स्टाफ नर्स के प्रेमी ने खोला यह दिल दहला देने वाला राज
भोपाल। डॉक्टर और नर्स मरीज के लिए किसी देवता से कम नहीं होते। इसलिए सरकार ने कोरोना वॉरियर नाम देकर देशवासियों से इनके लिए ताली और थाली भी बजवाई थी। ऐसा नहीं है कि हर व्यक्ति चोर है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल ताजा समाचार कोविड में चल रही एक लापरवाही से उजागर हुआ है। इसकी मास्टर माइंड जेके अस्पताल की नर्स है। वह अस्पताल से रेमडेसिविर इंजेक्शन मरीज के लिए इश्यू कराती थी। लेकिन, वह मरीज को न लगाकर अपने प्रेमी को बाजार में महंगे दामों में बेचने (Remdesivir Injection Black Marketing) के लिए दे देती थी। यह खुलासा रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार आरोपी ने किया है।
सरकारी कोटे का था इंजेक्शन
कोलार थाना पुलिस के अनुसार 22 अप्रैल को थाने से एसआई गश्त पर निकले थे। दानिश कुंज आईपीएस चौराहे के पास एक लड़का दिखा। उसको हिरासत में लेकर तलाशी ली गई। उसके कब्जे से एक रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद हुआ। इसको देखकर पुलिस टीम को शक हो गया। मामला संवेदनशील है क्योंकि शहर उसी इंजेक्शन की कालाबाजारी की खबरें मिल रही है। इस इंजेक्शन में बैच नंबर जीटीसी0633ए मिला। यह इंजेक्शन 3950 रुपए का था। लेकिन, इसकी सप्लाई केवल अस्पतालों में करने का नोटिस चस्पा था। यह इंजेक्शन अप्रैल, 2021 में ही बना है। एक्सपायरी डेट अगस्त, 2021 थी। इस संबंध में वह कोई बिल अथवा अस्पताल का पर्चा वह पेश नहीं कर सका। नतीजतन उसको शक होने पर पूछताछ के लिए थाने लाया गया।
डॉक्टर ने भी खरीदा था
थाने में हुई पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम झलकन सिंह मीणा पिता हमीर सिंह मीणा उम्र 24 साल बताया। वह दानिश नगर गिरधर परिसर में रहता है। हालांकि वह मूलत: गुना (Guna) के मधुसूदनगढ़ का रहने वाला है। आरोपी ने बताया कि उसको यह इंजेक्शन गर्लफ्रेंड शालिनी वर्मा (Shalini Verma) ने दिया था। दोनों जेके अस्पताल में नौकरी करते हैं। शालिनी वहां स्टाफ नर्स है। आरोपी ने बताया कि वह इससे पहले एक इंजेक्शन 13 हजार रुपए में डॉक्टर शुभम पटैरिया को भी बेच चुका है। जिसका भुगतान उन्होंने फोनपे से किया था। आरोपी झलकन सिंह मीणा (Jhalkan Singh Meena) के खिलाफ धारा 379, 269, 270,53/57 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, 3 महामारी अधिनियम 1897, 3/7 अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम, 5/13 ड्रग कंट्रोल एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।
यह भी पढ़ें: यदि इस डेटिंग एप्प को आपने इंस्टाल कर रखा है तो समझ लीजिए मुसीबत से दोस्ती कर ली
ऐसे करते थे चोरी
कोलार थाना पुलिस का कहना है कि इस संबंध में आरोपियों की जानकारी जुटाई जा रही है। आरोपी ने बताया कि शालिनी वर्मा को अस्पताल से रेमडेसिविर इंजेक्शन मिलते थे। इन्हें वह मरीज को न लगाकर झलकन सिंह मीणा को देती थी। मरीज को शालिनी वर्मा स्लाइन का इंजेक्शन लगा देती थी। मरीज को लगता था कि उसे रेमडेसिविर इंजेक्शन लग गया है। पुलिस का कहना है कि शालिनी वर्मा फरार हो गई है। वहीं डॉक्टर शुभम पटैरिया (Dr Shubham Pateriya) की भूमिका उसकी गिरफ्तारी के बाद साफ होगी।