Bhopal Oxygen Crisis: ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन समेत कई चीजों की हुई शॉर्टेज
भोपाल। मध्य प्रदेश में कोविड का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। भोपाल ताजा समाचार इस मामले में चिंता की स्थिति की तरफ साफ—साफ इशारा कर रहे हैं। भेल में सुबह 10 से लगी ऑक्सीजन (Bhopal Oxygen Crisis) की लाइन पांच बजे तक थमने का नाम नहीं ले रही थी। इधर, भोपाल के जेपी अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने के व्हाट्स एप्प चैट के स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। इसके अलावा कई अन्य निजी अस्पतालों के लेटर पैड कई जगह बांटे जाने लगे। मतलब साफ है कि स्वास्थ्य महकमा बिगड़ती व्यवस्था पर नियंत्रण नहीं कर पा रहा है।
क्षमता से अधिक मरीज
सोशल मीडिया में वायरल पर्चे में एक नोटिस अनंतश्री अस्पताल (Anantshree Hospital) का था। इसमें मरीजों को डिस्चार्ज करने का कहा गया था अस्प्ताल में दोपहर 12 से 1 बजे के बीच ऑक्सीजन समाप्त होने वाला है। प्रबंधन ने कोशिश कर ली है। इसकी जानकारी सीएमएचओ को भी दी गई है यह भी बताया गया था। हालांकि मैनेजर थॉमस ने इस तरह की नोटिस का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अस्पताल में क्षमता से अधिक मरीज जरुर भर्ती है। लेकिन, संसाधनों की कोई कमी नहीं है। इसी तरह पुष्पांजली अस्पताल (Pushpanjali Hospital) में रेमडेसियर इंजेक्शन कितने मरीजों को आवश्यकता है उसका ब्यौरा था। प्रतिक्रिया के लिए वहां भी फोन लगाया गया लेकिन वह उठाया ही नहीं गया।
मुख्यमंत्री जी जिम्मेदार फोन भी नहीं उठाते
भोपाल के जेपी अस्पताल में ऑक्सीजन मात्रा कम होने का भी संदेश वायरल हुआ। स्टाफ को जल्द अस्पताल आने के लिए कहा गया। इस संबंध में व्हाट्स एप्प चैट भी वायरल हुए। इन तमाम विषयों पर सीएमएचओ डॉक्टर प्रभाकर तिवारी (Dr Prabhakar Tiwari) से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया गया। उन्होंने फोन ही रिसीव नहीं किया। उन्हें एसएमएस करके विषय से भी अवगत कराया गया था। जबकि कलेक्टर अविनाश लवानिया (Avinash Lavania) का आदेश है कि भ्रामक समाचारों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। लेकिन, शहर में बंट रहे पर्चो और परिस्थितियों को लेकर सफाई देने के लिए कोई सामने ही नहीं आया।
हम सिस्टम के साथ
शहर सरोकार की भावना से द क्राइम इंफो सदा काम करता रहेगा। इस वक्त हालात काफी चिंताजनक है। लोगों को सरकार और सिस्टम से काफी अपेक्षाएं हैं। जिसमें असफल होने पर लोग अब मीडिया की मदद मांगने लगे हैं। हमारा मकसद व्यवस्थाओं को प्रतिकूल और संकट की घड़ी में सिस्टम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना है। इसलिए उन चैट और पर्चों को प्रदर्शित नहीं कर रहा है जो शहर में इस वक्त बंट रहे हैं। हम आशान्वित है सिस्टम अपने स्तर पर बेहतर करने का प्रयास कर रहा होगा।