Bhopal Oxygen Crisis: लोडिंग ऑटो, ट्रैक्टर, जीप, एम्बुलेंस समेत पांच दर्जन से अधिक वाहनों की लगी कतारें
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal Oxygen Crisis) में बेस्ट कोविड हॉस्पिटल का दावा करने वाले कई निजी अस्पतालों की अब सांसे उखड़ने लगी है। शहर के प्रायवेट कोविड अस्पतालों ने सरकार को उनके यहां रिजर्व ऑक्सीजन की मात्रा को बता दिया है। जिसके बाद सरकार हरकत में आ गई है। प्रशासन ने भेल के आम नागरिकों के लिए बंद रहने वाले गेट को खोलने के लिए कहा है। जिसके बाद गुरुवार को वहां लंबी कतारें लग गई। भेल प्रशासन ने अपने यहां उत्पादन में इस्तेमाल आने वाली गैस को सरकारी और निजी अस्पतालों को देने का फैसला किया है।
2500 क्यूबिक पहुंची डिमांड
भोपाल की ताजा खबर गुरुवार को भी कोविड के कारण बन रहे विकराल परिस्थितियों से ही शुरु हुई। डेडीकेटेड कोविड अस्प्ताल में ऑक्सीजन का स्टॉक खत्म होना शुरु हो गया है। जेके अस्पताल, पीपुल्स के बाद कई अन्य अस्पतालों में भी यह हाल बनना शुरु हो गए हैं। वहीं नासिक की घटना से सबक लेते हुए सरकार भी हरकत में आ गई। उसने भेल प्रबंधन को शहर में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए मना लिया है। भेल प्रवक्ता राघवेंद्र शुक्ला (Raghvendra Shukla) ने बताया कि प्रबंधन एक सप्ताह से ऑक्सीजन गैस की सप्लाई कर रहा है। पहले 1800 क्यूबिक गैस सप्लाई की जा रही थी। अब यह मात्रा करीब 2500 क्यूबिक पर पहुंच गई है। मतलब साफ है कि कोरोना संक्रमण की दर सरकार छुपा रही है।
सरकार की मजबूरी
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग बुधवार को इशारों ही इशारों में कबूल चुके हैं कि प्रदेश में संक्रमण गांव में पहुंच गया है। ऐसे हालात से शहर में ग्रामीण मरीजों के आने का दबाव बढ़ सकता है। इसलिए संख्या को नियंत्रित करने के लिए गांव में ही क्वारेंटाइन सेंटर बनाकर अस्पताल में आने वाले दबाव को कम करने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। भेल से दिए जा रहे ऑक्सीजन की मात्रा से साफ है कि शहर में संक्रमण की दर कितनी खतरनाक स्थिति पर पहुंच गई है। भेल में भारत निर्मित ऑक्सीजन प्लांट लगा हुआ है।
कलेक्टर पहुंचे गोविंदपुरा इंडस्ट्री
भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया भी एक्टिव है। ऑक्सीजन की कमी और उससे निपटने की रणनीति के तहत उन्होंने काम शुरु कर दिया है। इस सिलसिले में कलेक्टर भोपाल बुधवार को गोविंदपुरा इंडस्ट्री पहुंचे थे। यहां एसोसिएशन के अधिकारियों के साथ बैठकर उन्होंने ऑक्सीजन समस्या को लेकर अपनी चिंता जताई। कलेक्टर को सभी कारोबारियों ने आश्वस्त कराया है कि वे अपने यहां की ऑक्सीजन शहर को देंगे।
संक्रमण दर घट रहा है, यदि सरकार सही है तो यह लंबी कतार किसको आईना दिखा रही है
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