Lock Down Effect: इंटेलीजेंस ने चेताया, रणनीति बनाने में जुटे अफसर, महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली से खतरा
भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना का संक्रमण (Lock Down Effect) थम नहीं रहा है। इलाज के इंतजाम को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (MP CM Shivraj Singh Chouhan) ने सेना से भी मदद मांगने का ऐलान किया है। मतलब साफ है कि परिस्थितियां प्रतिकूल नहीं है। ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने भी चौहान की मुश्किलें बढ़ा दी है।
इंटेलीेजेंस ने एडवांस में चेताया
प्रदेश के अस्पतालों में पलंग, ऑक्सीजन और रेमडेसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी की खबरें आ रही है। भोपाल के हमीदिया अस्पताल में तो वार्ड ब्यॉय की मदद से बिस्तर के लिए पैसे मांगे जाने की शिकायत हुई थी। इंदौर और भोपाल में इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरफ्तार हो चुके हैं। मतलब साफ है कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सरकार काफी संजीदा दिख तो रही है लेकिन उसका असर मैदान में होता दिख नहीं रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए चिंताए बढ़ा दी है। इस संबंध में एक इंटेलीजेंस से आउटपुट भी गया है। हालांकि यह कबूला नहीं जा रहा है। इसे कोरी अफवाह बताया जा रहा है।
पलायन है सबसे बड़ी वजह
दरअसल, दिल्ली में भी कोरोना संक्रमण उफान पर है। इसलिए वहां की केजरीवाल सरकार ने सख्ती बरतते हुए लॉक डाउन लगाने का फैसला किया है। यह फैसला सार्वजनिक होते ही वहां के मजदूर पलायन करने लगे। कई मजदूर मध्य प्रदेश से भी वहां गए थे। वह भी पलायन करने लगे हैं। मतलब साफ है कि वे भी प्रदेश में लौट रहे हैं। इसमें भिंड, ग्वालियर, मुरैना, अशोक नगर, समेत यूपी से सटे जिलों के नागरिकों की संख्या ज्यादा है। इसलिए इन जिलों के लिए सरकार को ट्रेसिंग के लिए स्पेशल नीति बनानी होगी। इस संबंध में इंटेलीजेंस विंग ने सरकार को संकेत दे दिए है। इसके आधार पर अब रणनीति बनाई जाएगी।
इसलिए है चिंता की बात
दिल्ली में संक्रमण का दर काफी ज्यादा है। वहां भी इंतजाम काफी नहीं है। इसलिए रोजगार की तलाश में गए मजदूर घर लौट रहे हैं। इस कारण दिल्ली के बस स्टेंड और रेलवे स्टेशनों में भारी संख्या में भीड़ पहुंच गई। इसमें कौन संक्रमित है अथवा नहीं इस बात की चिंता न करते हुए लोगों को अपना घर याद आ रहा है। इनमें से कुछ लोग प्रदेश में यकीनन दाखिल होंगे। कई ग्रामीण अंचलों के रहने वाले हैं जो रोजगार की तलाश में गए थे। इसलिए संक्रमण ग्रामीण अंचलों में न पसर जाए इस बात की चिंता इंटेलीजेंस विंग को सता रही है। हालांकि इस पूरी चिंता के विषय में कोई आधिकारिक बयान या तथ्य सामने नहीं आए हैं। अभी इस बात की तस्दीक की जा रही है कि दिल्ली से कितने नागरिक प्रदेश में आएंगे। इस काम की भी रणनीति सरकार बनाने जा रही है।
कुंभ की चुनौती बरकरार
मध्य प्रदेश में कुंभ में शामिल होकर लौटे पुजारी—संत को तलाशने की चुनौती बनी हुई है। सरकार ने वहां से लौटने वाले साधुओं के टेस्ट कराने का फैसला लिया था। इसके लिए साधु—संतों की जानकारी जुटाने का काम किया जा रहा है। इस संबंध में भी प्रशासन ने अब तक कोई रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है। दरअसल, कुंभ में शाही स्नान को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उसे टालने की अपील की थी। जिसके बाद कई संतों ने शाही स्नान न करने का फैसला लिया था। इस फैसले के बाद कई लोग वापस लौट आए थे।