Corona Review Meeting: जनता को भयभीत करने की बजाय राहत पहुंचाए
दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) बुधवार दोपहर देशभर के मुख्यमंत्रियों से कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ—साथ वैक्सीनेशन प्रोग्राम की समीक्षा बैठक (Corona Review Meeting) कर रहे थे। बैठक के बाद उन्होंने वैक्सीन की बर्बादी और उसकी एक्सपायरी को लेकर चिंता जताई। उन्होंने इसके लिए कारगर मैकेनिज्म बनाने की सलाह दी है। मोदी ने कहा है कि देश के नागरिकों से अपेक्षा से ज्यादा सहयोग मिला। इसलिए उन्हें भयभीत करने की बजाय राहुत पहुंचाने के उपाय निकाले जाए।
गांव में फैला तो संभलेगा नहीं
मोदी ने मुख्यमंत्रियों से बातचीत के बाद कहा कि सरकारी मशीनरी को एक्टिव होने की जरुरत है। माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाना चाहिए। कंटेनमेंट और सर्विलांस को प्राथमिकता में लाना चाहिए। टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट को गंभीरता से करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम एक साल से यह करते आ रहे हैं। कम से कम समय में ट्रैक करने की योजना बनाना चाहिए। कई राज्यों में रैपिड एंटीजन टेस्ट पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। केरल, तमिलनाडू, उत्तर प्रदेश में अच्छा काम हो रहा है। टीएल—2 और टीएल—3 शहरों को रोकथाम के उपाय सोचना चाहिए। गांव में यदि कोरोना फैला तो नियंत्रण करना चुनौती बन जाएगा।
प्लानिंग में सुधार की जरुरत
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश में यात्रा शुरु हो चुकी है। इसलिए सारे राज्यों को कांटेक्ट ट्रेसिंग के सिस्टम को बनाने की आवश्यकता है। विदेशी नागरिकों को भी ट्रैक करने की आवश्यकता है। वैक्सीन अभियान को लेकर कई मुख्यमंत्रियों ने अपनी राय रखी है। यह प्रभावी हथियार है वैक्सीनेशन की गति बढ़ा रहे हैं। मोदी ने सलाह दी है कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में वैक्सीन वैस्टेज को रोकना चाहिए। इसकी भी राज्यों को समीक्षा करना चाहिए। इस विषय पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि बर्बाद हो रही वैक्सीन से हम किसी के अधिकार से उसको वंचित कर रहे है। प्लानिंग की कमी में इसके लिए सुधार की आवश्यकता है।
मोदी ने यह दिया मंत्र
मोदी ने सारे राज्यों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि दवाई और कढ़ाई भी जरुरी है। नए केस की पहचान करना चाहिए। वैक्सीनेशन सेंटर बढ़ाने की आवश्यकता है। कई इलाकों में सेंटर एक्टिव नहीं हैं। तकनीक की मदद से यह समझ में भी आ रहा है। इसलिए तकनीक से उसमें सुधार करने की आवश्यकता है। वैक्सीन हर रोज बन रही है। वैक्सीन की एक्सपायरी डेट पर ध्यान देना है। पहली खेप में आई वैक्सीन को इस्तेमाल करने पर प्राथमिकता रखनी है। प्रधानमंत्री को कई राज्यों ने सुझाव भी दिए। जिसको समझने के बाद उन्होंने कहा कि अस्पताल को लेकर जो सुझाव मिले हैं उसमें स्वास्थ्य मंत्रालय हल निकाल लेगा। जनता से काफी सहयोग मिला है। जागरुकता, विश्वास और सहयोग के चलते हमें कामयाबी मिली है।