पीएम मोदी की बायोपिक पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश- चुनाव आयोग पूरी फिल्म देखे, फिर फैसला दे

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फिल्म निर्माता की याचिका पर हुई सुनवाई, चुनाव आयोग के अधिकारी हुए पेश

पीएम नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित फिल्म का पोस्टर

दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित फिल्म पर लगी रोक को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। फिल्म पर रोक लगाने वाले चुनाव आयोग के 7 अधिकारी कोर्ट में पेश हुए। बायोपिक की रिलीज पर रोक लगाए जाने को लेकर अधिकारियों ने अपनी दलील पेश की। जिन्हें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि फिल्म को दोबारा देखा जाए और उस पर लगाए गए प्रतिबंध पर नया फैसला लिया जाए। कोर्ट के इस आदेश के बाद एक बार फिर फिल्म के रिलीज होने का रास्ता निकलता दिख रहा है। बता दें कि फिल्म निर्माता संदीप सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

इस रोक के खिलाफ फिल्म के निर्माता संदीप सिंह ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। फिल्म पर लगाई गई रोक को लेकर निर्माता का कहना है कि फ़िल्म का मकसद एक प्रेरणादायक जीवन के बारे में लोगों को बताना है, किसी पार्टी को लाभ पहुंचाना नहीं। इस तरह की रोक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है।

इससे पहले संदीप सिंह ने एक बयान में कहा था, “भारत के सभी नागरिकों को न्याय के लिए अपील करने का अधिकार है और एक निर्माता के तौर पर मैं वही कर रहा हूं। मेरे लिए और मेरी पूरी टीम के लिए, यह फिल्म विशेष है और हम चाहते हैं कि दुनिया इसे देखे.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी इस बायोपिक को पहले 5 अप्रैल को रिलीज करने का फैसला किया गया था। उसके बाद निर्माता ने ही 11 अप्रैल की तारीख तय की थी। लेकिन कांग्रेस और तमाम विपक्षी दलों के विरोध के चलते इस पर रोक लगा दी गई थी। विपक्षी दलों की दलील थी कि लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी पर बनी बायोपिक रिलीज होने से चुनाव प्रभावित होगा। ये फिल्म भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाएगी। शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी थी।

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