मंदिर गई थी महिला, खून से लथपथ हालत में फेंककर चले गए आरोपी
बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं (Badaun Gang Rape)जि ले में हुई वारदात ने दिल्ली में हुए निर्भया कांड की दर्दनाक यादों को ताजा कर दिया है। यहां महिला के साथ निर्भया जैसी ही दरिंदगी की गई। 3 दरिंदों ने एक महिला के साथ हैवानियत की हदें पार कर दी। महिला के साथ इतनी मारपीट की गई कि उसकी पसलियां और पैर टूट गए। सामूहिक बलात्कार के बाद महिला के प्रायवेट पार्ट में रॉड डाल दी गई। जिसके बाद आरोपी उसे उसके घर के सामने फेंककर भाग निकले। तड़प-तड़पकर पीड़िता की मौत हो गई।
गुरु-चेलों ने दिया वारदात को अंजाम
घटना उघैती थाना इलाके के एक गांव की है। जहां रहने वाली महिला 3 जनवरी की शाम मंदिर गई थी। लेकिन वो देर रात तक घर नहीं लौटी। मंदिर के महंत, उसके चेले और ड्राइवर पर महिला के साथ हैवानियत करने का आरोप है। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है। दो की तलाश में चार टीमें रवाना की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुए खुलासे के बाद हड़कंप मच गया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 3 जनवरी को 50 वर्षीय आंगनबाड़ी सहायिका मंदिर गई थी। जहां महंत सत्यनारायण, उसका चेला वेदराम और ड्राइवर जसपाल ने महिला के साथ घिनौना खेल खेला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि महिला के पैर टूट गए थे, उसकी पसलियों में फ्रैक्चर था और फेफड़ों में चोटें आई है। ये सब साबित करता है कि विरोध करने पर महिला के साथ आरोपियों ने मारपीट की। घायल अवस्था में उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया।
घर के सामने फेंककर चले गए
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि महिला के गुप्तांग में गहरे घाव है। दुष्कर्म के बाद उसके प्रायवेट पार्ट में रॉड जैसी चीज डाली गई थी। 3 जनवरी की रात करीब 11 बजे आरोपी महंत सत्यनारायण, वेदराम और जसपाल पीड़िता को उसके घर के सामने फेंककर भाग निकले थे। पीड़िता के प्रायवेट पार्ट से खून बह रहा था। उसकी मौत हो चुकी थी।
लापरवाह पुलिस
जब आरोपी महिला को फेंककर जा रहे थे तो उसके बच्चों ने उन्हें देख लिया था। उसी वक्त पीड़ित पक्ष ने पुलिस को सूचना दे दी थी। लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। 3 जनवरी यानि रविवार की पूरी रात पुलिस का इंतजार जारी रहा। सोमवार दोपहर तक भी जब पुलिस नहीं पहुंची तो ग्रामीण थाने पहुंच गए। जमकर हंगामा किया तब जाकर शाम तक पुलिस मौके पर पहुंची और शव बरामद किया।
थाना प्रभारी निलंबित
मामले में पुलिस की गंभीर लापरवाही सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस इस जघन्य मामले को हल्का करने की कोशिश कर रही थी। शुरुआत में पुलिस का कहना था कि मंदिर के पास स्थित कुएं में गिरने की वजह से महिला की मौत हुई है। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद हुए खुलासे ने पुलिस की पोल खोल दी। आनन-फानन में उघैती थाना प्रभारी राघवेंद्र प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है।
महिला की मौत 3 जनवरी को हुई थी। 48 घंटे तक बाद उसका पोस्टमार्टम कराया गया। तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया, जिसमें एक महिला डॉक्टर भी शामिल थीं। जिसके बाद भारी पुलिस बल की तैनाती कर पीड़िता का अंतिम संस्कार करवा दिया गया। घटना ने एक बार फिर योगी सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए है।
विपक्ष ने सरकार को घेरा
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि- हाथरस में सरकारी अमले ने शुरुआत में फरियादी की नहीं सुनी, सरकार ने अफसरों को बचाया और आवाज को दबाया बदायूं में थानेदार ने फरियादी की नहीं सुनी, घटनास्थल का मुआयना तक नहीं किया। महिला सुरक्षा पर यूपी सरकार की नियत में खोट है।