MP Warehouse Scam: बोरियों में भूसा और मिट्टी भरकर दिखाया स्टॉक, किसानों के उत्पादों की रक्षा करने वाली कंपनी के अफसर की मदद से की गई धोखाधड़ी
भोपाल। किसानों के उत्पादों पर बिचौलियों की मदद से होने वाले एक फर्जीवाड़े (MP Warehouse Scam) का खुलासा हुआ है। मामला मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore Warehouse Scam) जिले का है। यह घोटाला (MP Ghotala News) करीब 6 करोड़ रुपए का है। इस साजिश का केंद्र बिंदु वेयर हाउस था। जिसमें चौकीदार भी शामिल थे। मुकदमा ईओडब्ल्यू की इंदौर इकाई ने दर्ज किया है। आरोपियों ने अपने गुनाह को छुपाने के लिए बोरियों के भीतर मिट्टी, पत्थर, चूना और भूसा भर दिया था। इस मामले के चार मुख्य आरोपी अब तक सामने आ चुके हैं।
पहले क्रेडिट बढ़ाई गई
ईओडब्ल्यू (Bhopal EOW News) के अनुसार नई दिल्ली में किसान धन एग्री फायनेशियल सर्विसेस प्रायवेट लिमिटेड नाम की संस्था है। यह संस्था रिजर्व बैंक के मानकों के अनुसार काम करती है। किसान धन एग्री फायनेंशियल कंपनी (Kisan Dhan Agri Financial Company) कोलेटरल एग्रीमेंट करके वित्तीय सहायता प्रदान करने का काम करती है। इस संस्था ने इंदौर में स्थित सोहन लाल कमोडिटी मैनेजमेंट प्रायवेट लिमेटेड से एग्रीमेंट किया था। इस कंपनी ने इंदौर में स्थित मैसर्स आलोक सारडा वेयर हाउस (MS Alok Sarda Warehouse) को लीज पर लिया थाा। लीज पर लेने से पहले वेयर हाउस के लोन क्रेटिड को बढ़ाया गया था। पहले पांच फिर बाद में वह स्टॉक रजिस्टर देखने के बाद 15 करोड़ रुपए किया गया था।
ऐसे पकड़ में आई गड़बड़ी
मैसर्स आलोक सारडा के काम की निगरानी सोहन लाल कमोडिटी को करने का अधिकार था। इसी सिलसिले में जय कुमार दुबे (Jai Kumar Dubey) स्टॉक का चैक करने पहुंचे। चैकिंग के दौरान 10,296 बोरी कम मिली। जिसमें चना (MP Gram Scam) भरा हुआ था जो करीब 8790 क्विंटल था। यह माल करीब 6 करोड़ रुपए का था। इसके बदले में वहां बोरियां मिली। बोरियों के भीतर चने की जगह मिट्टी—पत्थर और भूसा भरा हुआ था। यह माल दिसंबर, 2017 से अप्रैल, 2018 के दौरान गायब किया गया था। जय कुमार दुबे ने इस बात की रिपोर्ट बनाकर सोहन लाल कमोडिटी के अफसरों को दी थी। मामले को ईओडब्ल्यू को सौंपा गया जिसके बाद मामला दर्ज हुआ।
20 हजार रुपए के लालच में घोटाला
ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ धारा 420/408/409/120 (जालसाजी, सरकारी संपत्ति का गबन/सरकारी कर्मचारी का गबन और साजिश) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में आरोपी विष्णु दत्त पाराशर पिता राकेश पाराशर उम्र 28 साल है। विष्णु दत्त पाराशर (Vishnu Dutt Parashar) मूलत: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस जिले का रहने वाला है। वह फिलहाल इंदौर में मानपुर में रहता है। आरोपी आपरेशनल मैनेजर था जिसको सोहन लाल कमोडिटी (Sohan Lal Commodity News) ने नियुक्ति किया था। इसी तरह दूसरा आरोपी आलोक सारडा (Alok Saarda) पिता दिनेश चंद्र सारडा है। वह सारडा वेयर हाउस का संचालक है। दोनों आरोपियों ने वेयर हाउस के सिक्योरिटी गार्ड सुनील चौहान (Sunil Chouhan) और दिनेश भावर की मदद से चने की बोरियां गायब कराई थी। इसके बदले में 20—20 हजार रुपए दिए गए थे।
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