Bhopal Suicide Case: खरगौन में तैनात पुलिसकर्मी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
भोपाल। रिटायर्ड आर्मी जवान के बेटे ने फांसी (Bhopal Suicide Case) लगा ली हैं। परिजन मनोचिकित्सक से उसका इलाज करा रहे थे। इधर, खरगौन में तैनात पुलिसकर्मी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत (Bhopal Suspicious Death) हो गई। यह दोनों घटनाएं मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal Hanging Case) की हैं। आत्महत्या के कारणों का पुलिस को कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। शव पीएम के लिए भेज दिया हैं। रिपोर्ट के बाद पुलिस जांच के बिंदु तय करेगी।
तीन साल पहले हुई थी शादी
निशातपुरा थाना पुलिस ने बताया जितेंद्र कुमार साहू (Jitendra Kumar Sahu) पिता जगदीश उम्र 30 साल ने आत्महत्या की हैं। जांच अधिकारी एसआई आदेश शर्मा ने बताया कि जितेंद्र साहू शिव नगर कालोनी का रहने वाला था। उसका डॉक्टर आरएन साहू से पिछले 10 साल से इलाज चल रहा था। पिता जगदीश और बड़ा भाई आर्मी से रिटायर्ड है। रिटायर्ड होने के बाद दोनों एलआईसी में नौकरी करने लगे। जितेंद्र ने कुछ समय पहले पीपल चौराहे पर बच्चों के खिलौनों की दुकान खोली थी। दुकान नहीं चलने के कारण उसे बंद करना पड़ा। वह लक्ष्मी इंडस्ट्रीज गोविंदपुरा में किसी बेकरी पर काम करने लगा। उसकी तीन साल पहले शादी हुई थी।
सिर दर्द होने पर घर आया
जांच अधिकारी ने बताया जितेंद्र कुमार साहू मंगलवार रोज की तरह काम पर गया था। दोपहर में सिर दर्द की शिकायत के बाद वह घर आ गया था। खाना खाकर वह सोने चला गया था। रात साढ़े आठ बजे भाई कमरे में उसे जगाने पहुंचा तो जितेंद्र फंदे पर लटका (Jitendra Sahu Hanging Case) था। पुलिस ने रात साढ़े नौ बजे मर्ग कायम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया। घटना स्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। इधर, मुकेश बोहरे पिता हरीराम बोहरे उम्र 31 साल की संदिग्ध परिस्थितयों में मौत हुई है। गांधी नगर पुलिस ने मंगलवार—बुधवार की दरमियानी रात चार बजे मर्ग कायम किया है।
दूसरे अस्पताल ले जाते तो बच जाता
गांधी नगर थाना पुलिस ने बताया मुकेश बोहरे (Mukesh Bohare) मूलत: होशंगाबाद जिले का रहने वाला था। वह फिलहाल खरगौन जिले में स्थित महेश्वर थाने की ककरदा चौकी में तैनात था। पुलिस को मौत की सूचना उसके भाई बृजेश ने दी थी। उसने बताया मंगलवार शाम साढ़े छह बजे मुकेश का फोन आया था। उसने भाई से बोला कि उसे बाथरूम करने में परेशानी हो रही है। जांच में उसके पेट में पथरी पाई गई। भोपाल श्रद्धा अस्पताल भोपाल में उसके परिचित डॉक्टर हैं। रात को कार से मुकेश बोहरे को श्रृद्धा अस्पातल के लिए निकला था। उसे बाथरूम करने में दिक्कत आ रही थी। मुकेश बोहरे को दूसरे अस्पताल ले जाते तो शायद जान बच सकती थी।
लापरवाही की होगी जांच
पुलिस ने बताया कि मुकेश बोहरे कार में बातचीत कर रहा था। वह दर्द से कराह रहा था। उसने आखिरी बार गांधी नगर में बातचीत की थी। वह कह रहा था उसको जल्दी अस्पताल में पहुंचाया जाए। गांधी नगर के बाद शरीर में कोई हरकत नजर नहीं आई। पुलिस का कहना है कि अभी मर्ग कायम किया गया है। पीएम रिपोर्ट के बाद जांच के बिंदु तय किए जाएंगे। पुलिस ने शव पीएम के बाद परिजनों को सौंप दिया है।
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