MP Police Gossip: रिश्तों की वजह का पता लगाने अपने हरिराम नाई को तैनात किया
भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस सेवा के अफसर पुरुषोत्तम शर्मा (MP Cop Gossip) की वजह से सरकार परेशानी में आ गई। मामला उनके घर चल रही घरेलू कलह का था। लेकिन, जिनसे उनके तार भिड़े थे वह सरकार के लिए खतरे की घंटी की तरफ इशारा कर रहे थे। इसलिए सरकार ने आईपीएस को समझने की बजाय उस महिला के राज को जानने के लिए पूरी मशीनरी लगा दी। हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि कहानी अवैध रिश्तों की थी या फिर कोई दूसरी खिचड़ी तो नहीं पक रही थी।
इसलिए आए थे विवादों में
पुरुषोत्तम शर्मा पिछले साल कांग्रेस सरकार में भी विवादों में आए थे। उन्होंने पूर्व डीजीवी वीके सिंह की तरफ से हनी ट्रेप को लेकर गठित इकाई पर सवाल खड़े किए थे। उनका भी हनी ट्रेप में नाम घसीटा जा रहा था। दिल्ली के फ्लैट की चर्चा चल पड़ी थी। जिसके कारण उन्होंने बयान देकर हल्ला मचा दिया था। अब उनकी पत्नी ने उनके रिश्ते उजागर करके सरकार को फिर परेशानी में डाल दिया है। दरअसल, पुरुषोत्तम शर्मा के पास अभियोजन की जिम्मेदारी थी। सरकार को लग रहा था कि कही दुखती खबर गर्ल फ्रेंड के बहाने मीडिया में तो लीक नहीं होने वाली है। यह पता लगाने के लिए सरकार ने अपने सारे जासूसों को सक्रिय कर दिया।
‘रियाज’ किए होते तो ‘इकबाल’ बुलंद होता
पिछले दिनों एक जिले के एसपी को रातों रात हटाया गया। हटने की वजह जिले का हंगामा बन रही थी। लेकिन, उनकी वहां के स्थानीय नेताओं से पटरी नहीं बैठ रही थी। दरअसल, वे जिस जिले के थे वहां कांग्रेस का दबदबा था। इसलिए भाजपा वाले नेता एसपी से ज्यादा अपेक्षा करते थे। लेकिन, उन नेताओं को कोई वजन नहीं मिल रहा था। इसलिए शिकायत संगठन स्तर पर भाजपा मुख्यालय पहुंच गई। संगठन मौके की ताक पर था और अचानक वह दिन आ गया जिसका वहां के नेता इंतजार कर रहे थे।
मर्डर के बाद उठने—बैठने वालों की सांसे उखड़ी
पिछले दिनों अवधपुरी इलाके में रिटायर्ड पुलिसकर्मी कैलाश के बेटे की हत्या हुई। कैलाश भोपाल कंट्रोल रुम में वाहन चलाता था। इस कारण बेटे का पुलिस से मेलजोल था। अवधपुरी थाने के ही कुछ पुलिसकर्मी उसके बेटे के साथ बैठकर शराब पिया करते थे। हत्या के बाद उन पुलिसकर्मियों के हाथ—पैर फूलने लगे। दरअसल, पुलिसकर्मियों को भय था कि उसकी हत्या की जांच में उनके मोबाइल नंबर और दूसरी बातें लीक न हो जाए।
थाने लगाओ दुकान पर लग रहा फोन
भोपाल के सुखी सेवनिया थाने की वजह से एक दुकानदार परेशान हो गया। दरअसल, उसकी दुकान थाने के सामने थी। एक दिन अचानक उसकी दुकान का फोन कनेक्शन न जाने कैसे बिगड़ गया। थाने में आने वाले फोन दुकान पहुंचने लगे। दुकानदार दिनभर बता—बताकर परेशान हो गया कि यह नंबर दुकान का नहीं बल्कि एमपी आन लाइन का है। यह बात उसने थाने में भी जाकर बताई। जिसके बाद तकनीकी खामी को दूर किया जा सका।
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