MP Cop Gossip: आचार संहिता लगते ही बवंडर मचाने की भीतर ही भीतर चल रही तैयारी
भोपाल। मध्य प्रदेश (MP Cop Gossip) में जल्द उप चुनाव होने वाले हैं। प्रदेश में दो दलों का नेतृत्व ज्यादा है। मतलब साफ है कि मुकाबला भाजपा—कांग्रेस के बीच ही होगा। सत्ता में भाजपा (MP BJP) की सरकार है। उनके ही एक मंत्री इमरती देवी ने पिछले दिनों बयान दिया था कि चुनाव कलेक्टर—एसपी जितवा देते है। जिसके बाद भारी बवाल मचा था। लेकिन, इस बवाल के बीच कांग्रेस ने इसको सबक में शामिल कर लिया। कांग्रेस (MP Congress) पार्टी भीतर ही भीतर एक रणनीति बनाने की तैयारी की जा रही है। हालांकि इसका खुलासा अभी नहीं किया जा रहा। इसके लिए वह आचार संहिता लगने और चुनाव (MP Bye Election) की तारीखों का ऐलान का इंतजार कर रही है।
क्या है तैयारी
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए उप चुनाव में काफी चुनौतियां है। जिससे निपटने के लिए वह हर मोर्चे पर पटखनी देना चाहती है। इसी क्रम में वह मध्य प्रदेश के अफसरों की कुंडली भी खंगाल रही है। इसके लिए आईपीएस अधिकारियों से लेकर राज्य पुलिस सेवा और प्रशासनिक सेवा के अफसरों की कुंडली बनाकर रख चुकी है। आचार संहिता लगते ही उसका बम फोड़कर जिले से उनको खाली कराने की योजना है। इसके लिए कुछ तस्वीरें भी अभी से संजोकर रख ली गई है। जिसको चुनाव आयोग के सामने आचार संहिता लगने पर पेश किया जाएगा।
‘चैन’ नहीं रहते कभी ‘बैचेन’
मध्य प्रदेश पुलिस में अंगद यानि वह अफसर जिनकी नौकरी एक ही जिले में पूरी होती है वह कम नहीं है। यह लगभग हर जिले में हैं। ऐसे ही एक अफसर भोपाल के जिले में हैं। नौकरी कांस्टेबल से शुरु हुई थी। डकैत के एनकाउंटर के बाद मिले प्रमोशन से वे थानेदार बने। यहां से शुरु हुआ सिलसिला आज तक बरकरार है। यह अफसर व्यापमं कांड के वक्त भी एसटीएफ में तैनात थे। हालांकि वहां भी उन्हें किसी तरह का संकट नहीं रहा। वहां से आने के बाद भोपाल के आधा दर्जन से अधिक थानों की वे यात्रा कर चुके हैं।
आईपीएस लड़ना चाहते हैं चुनाव
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे (DGP Gupteshwar Pandey) ने वीआरएस का आवेदन दिया है। वे बक्सर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे है। उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी समर्थन मिल रहा है। इसी तरह मध्य प्रदेश के एक आईपीएस अफसर भी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। इसके लिए उन्होंने नौकरी से वीआरएस लेने के लिए आवेदन बना लिया है। इन अफसर की खासियत यह है कि पत्नी पहले भाजपा से ही विधायक रह चुकी है। यह अधिकारी मध्य प्रदेश राज्य पुलिस सेवा में भर्ती हुए थे। प्रमोशन के बाद आईपीएस कैडर उन्हें मिला है। हालांकि उनकी तैयारियों पर उनके विरोधी पटखनी देने की भी रणनीति बना रहे हैं।
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