ऐसे लगा रहे थे मुख्यमंत्री की योजना को पलीता, बायोमैट्रिक का भी निकाल लिया था तोड़

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मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना में फर्जीवाड़ा करके कर रहे थे कमाई, दो सगे भाई हुए गिरफ्तार

ग्वालियर। मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना में जमकर फर्जीवाड़ा चल रहा है। इसमें कई तरह के हथकंड़े किए जा रहे है। ताजा मामला ग्वालियर के इंदरगंज थाना इलाके का है। यहां एक इंस्टीट्यूट पर छापा मारकर दो सगे भाईयों को गिरफ्तार किया गया है।

जानकारी के अनुसार मामले की शिकायत इंदरगंज थाना में जाकर हर्षवर्धन राजावत ने की थी। उसने पुलिस को बताया कि उसने फालका बाजार के सीएससी कोचिंग इंस्टीट्यूट पर दाखिला लिया था। उसे इंस्टीट्यूट में कुछ भी नहीं बताया गया। उसके अंगूठे के फिंगर प्लास्टिक में ले लिए गए। उसकी मदद से वह बायोमैट्रिक मशीन में अटैंडेंस लगाते थे। इंस्टीट्यूट को तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद एक परीक्षा लेकर प्रमाण पत्र जारी करना था। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। इंस्टीट्यूट के लोगों ने नाम और फिंगर ​प्रिंट का गलत इस्तेमाल करते रहे। यह जानकारी मिलने पर पुलिस ने ​दबिश देकर आरोपियों को गिरफ्तार किया।

ऑपरेटर संदेही


थाना प्रभारी मनीष डाबर ने बताया कि इस मामले में दो आरोपी है जो ग्वालियर निवासी प्रमोद कुमार यादव और उसका छोटा भाई विवेक यादव है। एक अन्य युवक रमन शाक्य को हिरासत में लिया गया है। वह कॉलेज का छात्र है और वह इंस्टीट्यूट में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करता है। उसकी भूमिका की पड़ताल की जा रही है। थाना प्रभारी ने बताया कि जब्त सामग्री की जांच के लिए सायबर सेल को प्रकरण भेजा जाएगा।

दूसरे राज भी खुलेंगे
थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपियों के यहां से भिंड और मुरैना की कई स्कूलों की सीलें भी मिली है। कुछ फिंगर प्रिंट मिले है जो प्लास्टिक को गलाकर बनाए गए हैं। इन फिंगर प्रिंट के संबंध में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस, इंस्टीट्यूट की आड़ में चल रहे वास्तविक बंदरबांट की तह में जाने का प्रयास कर रही है।

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ऊपर तक जाएगी जांच की आंच

यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले दूसरे भी प्रकरण सामने आ चुके है। लेकिन, इसकी तह तक अब तक कोई भी जांच एजेंसी नहीं गई है। यदि इंदरगंज थाने ने वास्तविक और तह में जाकर मामले की जांच की तो यह एक बड़ा घोटाला होगा। इस घोटाले की जद में कई अफसर और सफेदपोश लोग भी आ सकते हैं।

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