Bhopal Cheating Case: जितने मुकदमे उससे चार गुना कम जांच करने वाले अफसर

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Bhopal Cheating Case: जालसाज रमाकांत विजयवर्गीय की एफआईआर में चार्जशीट बनाना तीन महीने के भीतर पुलिस के लिए बनी चुनौती

Bhopal Cheating Case
गिरफ्तार रमाकांत विजयवर्गीय-File Photo

भोपाल। मध्य प्रदेश (MP Crime News) की राजधानी भोपाल (Bhopal Crime News) का जालसाज रमाकांत विजयवर्गीय फरारी के दौरान पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था। अब उसे पुलिस ने पकड़ लिया है। लेकिन, सुकून पुलिस को अभी भी नहीं है। अब उसके चार्जशीट को लेकर पुलिस परेशान है। इसलिए अब पुलिस के सामने संकट गहराने लगा है। दरअसल, कोहेफिजा थाने में ही उसके खिलाफ जालसाजी (Bhopal Cheating Case) के 29 मुकदमे दर्ज है। जबकि वहां जांच अधिकारी जो सब इंस्पेक्टर स्तर के मात्र 6 अधिकारी है। इस चुनौती को देखते हुए पुलिस ने कुछ फैसले ले लिए है।

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82 से अधिक आवेदन

रमाकांत विजयवर्गीय (Ramakant Vijaywargiya) को इंदौर जाते वक्त भोपाल पुलिस ने दबोचा था। आरोपी फिलहाल कोहेफिजा थाने में रिमांड पर चल रहा है। रिमांड की ही अवधि में उसके खिलाफ 6 मुकदमे दर्ज कर लिए गए हैं। इसमें करीब 63 लाख रुपए की जालसाजी (Bhopal Plot Fraud Case) का मामला आ चुका है। इधर, अब तक रमाकांत विजयवर्गीय के खिलाफ पुलिस विभाग में 82 से अधिक आवेदन जांच में हैं। यह सारी जांच प्लॉट दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी से जुड़ा है।

इन्होंने दर्ज कराई एफआईआर

कोहेफिजा थाने में एमए सिद्दीकी, आरती तोमर, साधना बैस, पूजा गुप्ता, सैयद अजहर अली और राजू खरे ने एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस को इस मामले में पत्नी अर्चना विजयवर्गीय की भी तलाश है। रमाकांत फिलहाल 5 अगस्त तक पुलिस रिमांड पर है। आईजी भोपाल उपेन्द्र जैन के अनुसार रमाकांत विजयवर्गीय ने 200 लोगों से करीब 20 करोड़ रुपए की जालसाजी (Bhopal Cheating Case) की है।

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एसआईटी बन गई

रमाकांत विजयवर्गीय के मामले में केस डायरी बढ़ने के साथ पुलिस परेशानी बढ़ गई है। लॉक डाउन ड्यूटी के साथ—साथ डायरी बनाने के लिए चुनौती दिख रही है। जिसको देखते हुए एसपी उत्तर भोपाल मुकेश श्रीवास्तव (IPS Mukesh Shrivastav) ने एसआईटी बना दी है। इस एसआईटी में सीएसपी शाहजहांनाबाद नागेन्द्र पटैरिया (CSP Nagendra Pateriya) को प्रमुख बनाया गया है। एसआईटी में दूसरे थानों के थानेदार और पुलिस लाइन के एसआई को लगाया गया है। यह वह अफसर है जो जालसाजी की जांच के मामले में एक्सपर्ट माने जाते हैं।

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