जानिए क्यों सड़कों पर दूध बहा रहे किसान, सरकार से क्या है मांग

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महाराष्ट्र में किसानों ने सड़कों पर बहाया हजारों लीटर दूध

Farmers Protest
सड़क पर दूध बहाते किसान

कोल्हापुर। (Kolhapur) देश में बड़े किसान आंदोलन (Farmers Protest) की आहट सुनाई देने लगी है। डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ पंजाब (Punjab) के किसान प्रदर्शन कर रहे है। केंद्र सरकार के खिलाफ सोमवार को किसानों ने बड़ी ट्रैक्टर रैली निकाली थी। वहीं महाराष्ट्र (Maharashtra) में दूध खरीदी को लेकर किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया है। पशुपालक किसानों की कुछ चार मांगे है, इनमें से 3 मांगे केंद्र सरकार से है और 1 राज्य सरकार से। मांगे पूरी कराने के लिए किसानों ने सड़कों पर दूध बहाना शुरु कर दिया है। मंगलवार को महाराष्ट्र के कोल्हापुर से सड़कों पर दूध बहाने की तस्वीरें सामने आई। प्रदर्शन का नेतृत्व स्वाभिमानी शेतकरी संगठन कर रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि कैसे प्रदर्शनकारियों ने हजारों लीटर दूध बहा दिया।

 

देखें वीडियो

ये हैं चार मांगे

संगठन के प्रमुख राजू शेट्टी ने मीडिया को बताया कि उनकी चार मांगे है। तीन केंद्र सरकार से और एक राज्य सरकार से।

1- केंद्र सरकार ने 10 हजार टन दूध पावडर विदेशों से आयात करने का फैसला लिया है। इस फैसले को निरस्त किया जाए।

2- दूध पावडर का बंपर स्टॉक कर पशुपालकों को प्रतिकिलो 20 रुपए सब्सिडी दी जाए।

3- रबड़ी, घी आदि मिल्क प्रोडक्ट्स पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है। जबकि ये एग्रीकल्चर प्रोडक्ट है, लिहाजा जीएसटी हटाई जाए।

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4- महाराष्ट्र सरकार पशुपालक किसानों को राहत देते हुए 5 रुपए लीटर के हिसाब से सब्सिडी दें। किसानों के खाते में अमाउंट ट्रांसफर किया जाए।

मागों को लेकर दूध उत्पादक किसानों ने मिल्क सेंटर पर दूध भेजना बंद कर दिया है। इसका सीधा असर सप्लाई पर पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अकेले महाराष्ट्र में गाय का 19 लाख और भैंस का 11 लाख लीटर दूध एकत्रित किया जाता है।

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