डबल मर्डर में नाम सामने आते ही उड़ गए थे लोगों के होश
मुंंबई। वो पहले हीरो बनने का सपना दिखाती थी। बड़े घर के लड़कों को हैंडसम बुलाती थी और फिर अपने हुस्न के जाल में फंसाकर मौत के घाट उतार देती है। हम बात कर रहे है। मुंबई की मॉडल सिमरन सूद की। गैंगस्टर विजल पलांडे के साथ मिलकर सिमरन ने डबल मर्डर को अंजाम दिया था। बताया जाता है कि सिमरन गैंगस्टर विजय पलांडे की रखेल थी। मुंबई में अप्रैल 2012 में हुए डबल मर्डर केस में जब सिमरन का नाम सामने आया था तो लोगों के होश उड गए थे। अरुण टिक्कू और करण कक्डर डबल मर्डर में सिमरन आरोपी है।
गैंगस्टर विजय पलांडे
जानिए कैसे करण को फंसाया
करण कक्कड एक प्रॉपर्टी डीलर का काम करता था। सिमरन को जैसे ही पता चला कि करण के पास बहुत पैसा है। उसने करण से दोस्ती कर ली। उसने कक्कड को बॉलीबुड में एक्टर बनने के सपने दिखाई। करण भी उसके झांसे में आ गया। सिमरन ने ही करण को विजय पलांडे से मिलवाया था। 5 मार्च 2012 को सिमरन और विजय पलांडे ने करण को किडनैप कर लिया। जिसके बाद उसके क्रेडिट कार्ड से लाखों रुपए की शॉपिंग की और 10 अप्रैल को करण की हत्या एक किराए के फ्लैट में कर दी। जिसके बाद उसकी लाश को बैग में भरकर जंगल में फेंक दिया था। विजय पालंडे और सिमरन का गैंग अक्सर ऐसे लोगों को फंसाता, जो अमीर और अकेले होते थे। फिल्म इंडस्ट्री में कनेक्शन का लालच देकर गैंग उनको फंसाता था।
अरुण टिक्कू ऐसे बना शिकार
करण की तरह अरुण टिक्कू की हत्या भी इन दोनों ने पूरे प्लान के तहत की थी। उसका बेटा अनुज मुंबई में एक्टर बनने आया हुआ था, उससे दोस्ती की। इसके बाद उसके फ्लैट पर एक जर्मन महिला को ठहरा दिया। धीरे-धीरे उस फ्लैट में विजय के दोस्त धनंजय शिंदे और मनोज गजकोश भी रहने लगे। एक दिन अरुण उस फ्लैट में आया। अपने फ्लैट में किसी और को देखकर उसका पारा चढ़ गया। उसने फौरन फ्लैट खाली करने को कहा। सिमरन और विजय को लगा कि उनका फ्लैट हथियाने का सपना पूरा नहीं होगा इसीलिए उन्होंने अपने दोनों साथियों की मदद से उसकी हत्या कर दी।
आदतन अपराधी है विजय
विजय हत्या के इस खेल का पुराना खिलाड़ी था। वह एक नामी गैंगस्टर था। वह दोहरे हत्याकांड में 1998 और 2002 में पहले भी जेल भी चुका था। 2003 में पैरोल में छूटने के बाद वह पहचान बदलकर बैंकॉक में रहने लगा. 2005 में वह वापस भारत आया. 2012 में उसने फिर दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया था।