काबिल आदमी की जेल मुख्यालय को हैं तलाश
भोपाल। (Bhopal Police Gossip) एक पुरानी कहावत है घर का भेदी लंका ढ़हाए। इस कहावत का मतलब है कि अपनी सल्तनत को अपना ही व्यक्ति दुश्मन से मिलकर उसको उजाड़ दे। मामला भोपाल पुलिस के एक थाने में सटीक बैठता है। इस थाने में पिछले दिनों जुए की एक फड़ पकड़ी गई थी। इसमें जिला पुलिस के कम और दीगर यूनिट के ज्यादा कर्मचारी थे। जिस फड़ पर छापा मारा गया था वहां उस थाने का वह व्यक्ति भी बैठता था। एक दिन दांव उल्टा पड़ गया था और उसको बहुत नुकसान उठाना पड़ा था। जिसने दांव पलटा था उससे उसकी मन ही मन दुश्मनी भी हो गई थी। वह मौके की फिराक में था और एक दिन वह आ भी गया। उस दिन वह फड़ पर नहीं बैठा था। लेकिन, उसके ही एक साथी ने बताया कि वह उसके ही तरह दांव उल्टा पड़ने के कारण हार गया। फिर क्या था उसको मौका मिल गया और उसने थाने के अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर वहां छापा मार दिया। पिछला हिसाब चुकता करते हुए उसको संतोष मिला लेकिन, यह बात वह ज्यादा नहीं छुपा सका। अब उसका बिछाया जाल उसके लिए नासूर बन गया है।
अदद हरीराम नाई की तलाश
शोले फिल्म का यह किरदार जो जेल के भीतर बंदियों के शैविंग करके जेल के अफसरों को मुखबिरी करता था। उसका फिल्म में नाम हरीराम था और पेशे के कारण नाई उसको बुलाते थे। हरीराम नाई इस फिल्म के किरदार ने जेल विभाग में जबरदस्त रोल अदा किया है। जेल विभाग में खबर देने वाले को मुखबिर, खबरची की बजाय हरीराम नाई कहकर आज भी पुकारा जाता है। यह हरीराम नाई आज भी कई जेल में मौजूद है। लेकिन, इस हरीराम नाई की जेल मुख्यालय को भी तलाश है। इसलिए जेल मुख्यालय के एक अफसर एक—एक कर्मचारी को बुलाकर उसकी परीक्षाएं ले रहे हैं। दरअसल, इस परीक्षा की वजह भी है। यहां जेल मुख्यालय में चोरी हुई थी। जिसमें लाखों रुपए का माल चला गया था। यह माल कौन ले गया और भविष्य में इस तरह के खतरों से निपटने के लिए जेल मुख्यालय हरीराम नाई तैयार कर रहा है।
एक संभाग में बस दो ही नाम
राजधानी में 13 संभाग है। हर संभाग में तीन से चार थाने आते है। इन संभागों में बैठने के लिए राज्य पुलिस सेवा के अफसर ऐड़ी चोटी का जोर लगाते हैं। लेकिन, इनमें से एक संभाग ऐसा है जिसमें दो अफसर अंगद के समान जड़ से चिपके हैं। इस संभाग में सरकारे किसी की भी आती या जाती रही हो। साहब का पैर आज तक कोई नहीं हिला सका। साहब की हाजिर जवाबी का भी क्या कहना। उनसे सारे नेता, अफसर से लेकर दूसरे खुश रहते हैं। साहब से पहले भी एक अफसर उसी संभाग में लंबी पारी खेलने के बाद एक यूनिट के कप्तान बने हैं। इन दोनों अफसरों ने बमुश्किल भोपाल से बाहर कभी नौकरी की हो।
एक और आधा चम्मच
मामला एक ऐसे थाने का है जिसका नाम लेते ही लगता है कि यह किसी पुराने शासक का इलाका हो। लेकिन, यहां होता भी ऐसे ही है। यहां एक महिला अपनी फरियाद लेकर पहुंची थी। जिसकी सुनवाई बड़ी गंभीरता के साथ की गई। इतनी गंभीरता की दो मिनट में आरोपी थाने में खड़ा था। वह बात अलग है कि कुछ देर बाद ही उसको सारे मामलों से क्लीन चिट दे दी गई। उसने थाने के स्टाफ को दवा दी भी बड़े सलीके की थी। एक पूरा चम्मच थाने को दिया गया। दूसरी बार आधा चम्मच थाने पहुंची फरियादिया को दिया गया। मामला जितनी तेजी से आया उतनी ही तेजी से चला भी गया। लेकिन, इस आंधी में एक पूरी चम्मच का च्यवनप्राश थाने को मिल गया।
अपील
देश वैश्विक महामारी से गुजर रहा है। हम भी समाज हित में स्पॉट रिपोर्टिंग करने से बच रहे हैं। इसलिए समाज और लोगों से अपील करते हैं कि यदि उनके पास भ्रष्टाचार, कालाबाजारी या जिम्मेदार अफसरों की तरफ से लापरवाही की कोई जानकारी या सूचना हैं तो वह मुहैया कराए। www.thecrimeinfo.com विज्ञापन रहित दबाव की पत्रकारिता को आगे बढ़ाते हुए काम कर रहा है। हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। इसलिए हमारे फेसबुक पेज www.thecrimeinfo.com के पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 9425005378 पर संपर्क कर सकते हैं।