लॉकडाउन में सामने आया ‘पति-पत्नी और वो’ का मामला
57 वर्षीय प्रेमिका और 45 वर्षीय प्रेमी के मामले में वीडियो कॉल काउंसलिंग के बाद सुलझा विवाद
भोपाल। नब्बे के दशक की अनिल-श्रीदेवी और उर्मिला मार्तोंडकर अभिनीत फिल्म जुदाई तो सभी को याद होगी, जिसमें अपने प्रेमी के साथ रहने की खातिर प्रेमिका अपनी सारी जायदाद उसकी पत्नी को सौंपने तैयार हो जाती है। लॉकडाउन के दौरान राजधानी में सामने आया अनूठा प्रेम-प्रसंग भी कुछ ऐसा ही है। यहां लॉकडाउन में एक 57 वर्षीय महिला के अपने 45 वर्षीय प्रेमी से मिलने उसके घर पहुंच जाने और उससे उपजे विवाद का मामला सामने आया है। लॉकडाउन के दौरान प्रेमी से ना मिल पाने के कारण महिला ने यह कदम उठाया और यहां तक कि प्रेमी के साथ रहने के लिए उसकी पत्नी को अपनी प्रॉपर्टी सौंप देने तक का प्रस्ताव दे दिया। उसने कहा कि मेरी पूरी प्रॉपर्टी ले लो और अपना पति मुझे दे दो। लेकिन इस मामले में प्रॉपर्टी के लिए पत्नी ने अपने पति को नहीं सौंपा। मामला काउंसलर के पास पहुंचा, काउंसलर सरिता राजानी द्वारा वीडियो कॉल काउंसलिंग किए जाने के बाद मामला काफी हद तक सुलझ गया है।
साथ काम करते हुआ प्रेम
जानकारी के अनुसार 57 वर्षीय अमृता देवी (परिवर्तित नाम) और 45 वर्षीय विजेन्द्र कुमार (परिवर्तित नाम) दोनों सरकारी विभाग में प्रतिष्ठित पदों पर कार्यरत हैं। 10 वर्ष पूर्व अमृता के पति का निधन हो चुका है और वह अपने बेटे-बहू के साथ घर के अलग हिस्से में रहती हैं। वहीं विजेन्द्र का भी एक 13 वर्षीय बेटा है। एक ही ऑफिस में साथ काम करते हुए दोनों का एक-दूसरे के लिए लगाव बढ़ा। लॉकडाउन के चलते सारे ऑफिस बंद होने की वजह से दोनों का मिलना बंद हो गया और बातचीत भी कम हो गई। घर में बेटे-बहू के तिरस्कार और अकेलेपन की शिकार अमृता ने अपनी गाड़ी उठाई और रचना नगर से सीधे चूना भट्टी विजेन्द्र के घर पहुंच गई। यहां किचन में चाय बनाते हुए अचानक बाहर आई विजेन्द्र की पत्नी ने जब दोनों को हाथों में हाथ थामे देखा तो अपना आपा खो बैठी और जमकर विवाद हुआ। इस दौरान अमृता लगातार विजेन्द्र की पत्नी को कहती रही कि वह केवल विजेन्द्र के साथ रहना चाहती है। अमृता ने विजेन्द्र की पत्नी से कहा कि उसे भी इसी घर में रहने की परमिशन दे दे, बदले में वह अपने हिस्से की पूरी प्रॉपर्टी उसे देने के लिए तैयार है। अमृता के बेटे को भी वहां बुलाया गया। इसके बाद घर का झगड़ा इतना बढ़ गया कि विजेन्द्र के पड़ोसी और मित्र ने बीच में हस्तक्षेप करते हुए, अपनी परिचित काउंसलर सरिता राजानी को फोन लगाकर मदद मांगी।
सभी की वीडियो कांफ्रेंसिंग
सरिता राजानी ने बताया कि पूरे दिन अलग-अलग सेशन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पति-पत्नी, सहकर्मी महिला और उसके बेटे से बात कर उनकी काउंसलिंग की गई। सरिता ने बताया कि काउंसलिंग में साफ समझ आ रहा था कि सहकर्मी महिला अपने एकाकीपन से परेशान थी। उसने आरोप लगा रहे बेटे से भी दो टूक कहा कि लॉकडाउन के शुरुआती 21 दिन में तुमने एक दिन भी मुझसे मेरा हाल नहीं पूछा, अब आरोप लगाने आ गए हो। सरिता राजानी ने कहा कि सहकर्मी महिला के घर जाने के बाद नाराज पत्नी को समझाने के लिए पति ने दोबारा कॉल किया। उनकी काउंसलिंग के भी तीन सेशन हो चुके हैं और मामले को काफी हद तक सुलझा लिया गया है।