अब पूरे सिस्टम को सिक्रोनाइज्ड़ करने की योजना पर मशक्कत करने का काम किया गया शुरू
भोपाल। विश्व में पुलिस किसी भी मुल्क की हो वह परेशान ही रहती है। उसके सामने कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जन भावनाओं में खरा उतरना चुनौती भरा होता है। इसके लिए कम्यूनिटी पुलिसिंग, सोशल सर्विसिंग से लेकर तमाम उपाय किए जा रहे हैं। आम आदमी से बातचीत से निपटा जाता है और बदमाशों से निपटने डंडा ही काम आता है। लेकिन, अब पुलिस के सामने एक विचित्र चुनौती आ गई है। जिससे निपटने के लिए योजना बनाई जा रही है।
क्या है कारण
राजधानी भोपाल की सुरक्षा इंतजाम के लिए पुलिस ने एक हाईटैक स्कीम अपनाई। लेकिन, अब यह भी उसके लिए मशक्कत से भरी हो गई है। इसके लिए कोई बदमाश या फिर अन्य कोई कारण नहीं है। कारण भी हैरान कर देने वाला है। दरअसल, पुलिस परिंदों से परेशान चल रही है। यह वह परिंदें है जो हाईटेक स्कीम के लिए लगाए गए उपकरणों में डेरा जमा चुके हैं। इस कारण उसमें धूल के अलावा परिंदों के बीट मल-मूत्र पड़ते हैं। कई जगहों पर परिंदों ने आशियाने भी बना लिए हैं।
थानों से ज्यादा मुश्किल
शहर में अलग-अलग चार योजनाओं में लगभग 1400 कैमरे अलग-अलग जगहों पर लगे है। यह कैमरे टेक्नोसिस कंपनी ने तीन चरणों में 2011 से 2013 के बीच लगाए है। इसके बाद हनीवेल कंपनी ने चौथे चरण में 2017 में कैमरे लगाए हैं। इन सभी कैमरों की अलग-अलग नोडल एजेंसियां बना दी गई है। इसमें एक कंपनी निगम तो बाकी तीन पुलिस की निगरानी में काम कर रही है। पुलिस के पास भी अलग एजेंसियां हैं। यह काम दूरसंचार मुख्यालय और जिला पुलिस के संयुक्त मुहिम में चल रहा है। एक एजेंसी न होने के कारण कई बार अफसरों के सामने मुश्किलें खड़ी हो जाती है। थानों से ज्यादा अब इन कैमरों से मिलने वाले आउटपुट को लेकर परेशानी खड़ी होने लगी है।
सुनिये पुलिस का दर्द
यह हो रहा है उपाय
अब पुलिस के अफसर एक प्रस्ताव बनाने जा रहे है। जिसमें तमाम योजनाओं पर लगे कैमरों की निगरानी का काम एक एजेंसी को देने के अलावा इन सभी को एक-दूसरे से सिक्रोनाइज्ड करने का प्रस्ताव बना रहे है। जिसमें कई पुरानी तकनीक पर चल रहे कैमरों को भी अपग्रेड किया जा सके। इस काम के लिए पुलिस के अफसरों ने कैमरों का विवरण खंगालने का काम चालू हो गया है।
हाईटैक कैमरे
जिला पुलिस शहर में अब ऐसे भी कैमरे लगाने जा रही है जो वांटेड और फरार अपराधियों को दबोचने में काम आएगा। इस कैमरे के रडार में आते ही संदिग्ध या फरार आरोपियों का विवरण उस थाने को अलर्ट करते हुए कंट्रोल रुम को सूचना देगा। इस तरह के कैमरे देशभर के एयरपोर्ट पर लगाए जाते हैं।