खरीद-फरोख्त पर घमासान, क्या वाकई संकट में है सरकार ?
भोपाल। MP Horse Trading राज्यसभा चुनाव से पहले एक बार फिर मध्यप्रदेश में सियासत तेज हो गई। सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दिल्ली में बयान दिया। जिससे प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया। पक्ष और विपक्ष में वार-पलटवार का दौर शुरु हो गया। इस बीच एक बार फिर प्रदेश में चर्चा शुरु हो गई है कि क्या वाकई संकट में है गठबंधन की कमल नाथ सरकार ? या संकट में है सरकार! दूसरी तरफ मुख्यमंत्री कमल नाथ ने तमाम बयानों, कयासों और मेल मुलाकातों से भरे सियासी गुब्बारे की अपने ही अंदाज में हवा निकाल दी है। विधायकों की खरीद-फरोख्त के सवाल पर सीएम कमल नाथ ने चौंकाने वाली सलाह दी।
कमल नाथ ने कहा कि- ‘विधायक ही कह रहे है हमें इतना पैसा दिया जा रहा है। मैं तो विधायकों से कह रहा हूं…फोकट का पैसा मिल रहा है..ले लेना।‘
#WATCH Madhya Pradesh Chief Minister Kamal Nath on Digvijaya Singh's allegations that BJP is trying to buy Congress MLAs in MP: Vidhayak hi keh rahe hain mujhe, hume itna paisa diya jaa raha hai. Main toh Vidhayakon ko keh raha hoon ki phokat ka paisa mil raha hai, le lena. pic.twitter.com/XFL7RGJMvq
— ANI (@ANI) March 3, 2020
मंगलवार को एक बार फिर दिग्विजय सिंह सनसनीखेज खुलासे के साथ मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह पर बसपा विधायक रामबाई को दिल्ली ले जाने का आरोप लगाया। दिग्विजय सिंह ने कहा कि भूपेंद्र सिंह, रामबाई को फ्लाइट से दिल्ली लेकर गए थे। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक बैजनाथ कुशवाह सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह के बंगले पहुंचे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने भाजपा नेताओं द्वारा ऑफर दिए जाने की बात मंत्री को बताई।
इससे पहले सोमवार शाम बीजेपी विधायक शरद कौल का बयान सामने आया था। जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर आरक्षित वर्ग के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया था। उन्होंने सीएम कमल नाथ की जमकर तारीफ की है। हालांकि भाजपा इस वीडियो को फर्जी बताती रही।
मध्यप्रदेश में शुरु हुई सियासत को राजनीतिक जानकार राज्यसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे है। सबकुछ ठीक रहा तो तीन सीटों में से 2 पर कांग्रेस का कब्जा हो सकता है। लेकिन कांग्रेस में इन दो सीटों पर दावेदारों की फेहरिस्त लंबी है। लिहाजा कहा जा रहा है कि कांग्रेस के एक बड़े नेता अपनी जगह पक्की रखने के लिए ये अहसास करा रहे है कि गठबंधन की सरकार में उनकी भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। दूसरी तरफ उनके विरोधी पत्ता काटने में लगे हुए है। ऐसे में नेता तो यहीं कह रहे है कि संकट में सरकार नहीं है, संकट में हैं ‘सरकार’ !
दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र सिंह ने हाल ही में अपने एक लेख में खुलासा किया कि हाल ही में राज्यपाल लाल जी टंडन और उनके बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दिल्ली दौरा हुआ था। चौहान की तबियत खराब होने के बावजूद उन्हें बुलाया गया था, उन्हें लेने के लिए अलग से विमान भेजा गया था।